चन्दूलाल चन्द्राकर शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय धमधा में एक दिवसीय परिचर्चा विषय “चाणक्य की राजनीति और धर्मनीति पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन
चन्दूलाल चन्द्राकर शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय धमधा में एक दिवसीय परिचर्चा विषय “चाणक्य की राजनीति और धर्मनीति पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन
दुर्ग ; स्थानीय चन्दूलाल चन्द्राकर शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय धमधा में दिनांक 18.01.2025 को एक दिवसीय परिचर्चा विषय “चाणक्य की राजनीति और धर्मनीति पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ इसका प्रारंभ 11.00 बजे से माँ सरस्वती पूजन वंदना के साथ हुआ और स्वागत गीत तथा पुष्पगुच्छ के साथ अतिथियों का स्वागत सत्कार हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. उषा किरण अग्रवाल ने किया और विशिष्ट अतिथि शासकीय वी.वाय.टी. विज्ञान महाविद्यालय दुर्ग से आये हुए राजनीतिविज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. शकील हुसैन सर और शासकीय एस.एन अग्रवाल महाविद्यालय तिल्दा से आये हुए सहायक प्राध्यापक डॉ. राकेश डेढगवे सर ने किया। कार्यक्रम का प्रारंभ प्रथम सत्र में डॉ. शंकील हुसैन सर ने किया और अपने वक्तव्य में चाणक्य की राजनीति और धर्मनीति को तात्कालिन समय में प्रासंगिक एवं उपयोगी बताते हुए महाभारत में शांति पर्व से अनेक प्रासंगिक उदाहरण दिये तथा कौटिल्य के धर्म एवं राजनीति अंतः संबंधों पर संक्षिप्त रूप से प्रकाश डाला और ज्ञानवर्धक जानकारी दी। द्वितीय सत्र में डॉ. राकेश डेढगवे सर ने अपने व्याख्यान में तात्कालिन भारतीय राजनीति परिवेश एवं चाणक्य के धर्मनीति पर विषद चर्चा करते हुए कौटिल्य के अर्थशास्त्र एवं धर्मनीति के व्यवहारिक पक्ष पर प्रकाश डाला और बहुत अच्छी विषय से संबंधित जानकारी दी। इस अवसर पर अतिथियों को महाविद्यालय परिवार की ओर से प्रतीक चिन्ह तथा कार्यक्रम के सफल आयोजन में साथ देने वाली छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र दिए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिव्या नेमा आईक्यूएसी प्रभारी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.जी.डी.एस.बग्गा डॉ. ज्योति केरकेट्टा, डॉ.एस.के. मेश्राम, श्री तरूण पदमवार, राजनीति विभाग की डॉ. देवश्री भोयर और समस्त प्राध्यापकगण, समस्त अतिथि प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों तथा बहुत अधिक संख्या में एम.ए. द्वितीय एवं चतुर्थ के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही । और आभार प्रदर्शन और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रजनी सोनवानी विभागाध्यक्ष राजनीतिविज्ञान में किया।
