सड़क की सियासत ओर परिसीमन की चर्चा के साथ भविष्य के विधायक की दावेदारी की चर्चा शुरू…
सवाल यह भी है की तीन साल बचे है चुनाव में लेकिन चर्चाओं का दौर अभी से क्यों !
सड़क की सियासत ओर परिसीमन की चर्चा के साथ भविष्य के विधायक की दावेदारी की चर्चा शुरू…
कवर्धा ; सेलून से लेकर पान दुकानों में परिसीमन ओर सड़क की राजनीति की चर्चा के साथ चर्चा शुरू हो गई है की एक या दो विधानसभा क्षेत्र बढ़ेगा और कांग्रेस और बीजेपी से बहुत सारे कार्यकर्ता ओर नेता को भावी विधायक के चेहरे दावेदारी के रूप में भी चर्चा होने लगी है । डिप्टी सीएम विजय शर्मा ,पंडरिया विधायक भावना बोहरा की तारीफ ओर विपक्ष में तुकाराम चंद्रवंशी की राजनीति की चर्चा कवर्धा में ज्यादा हो रही है । जाजर्जर सड़क का मुद्दा और विभिन्न समस्याओं को लगातार उठाने वाले युवा कांग्रेसी नेता तुकाराम चंद्रवंशी की चर्चा कबीरधाम जिले से लेकर रायपुर राजधानी तक हो रही है ओर चर्चा का विषय बना हुआ है की क्या भविष्य में कांग्रेस से विधायक का चुनाव लड़ेंगे । वैसे कांग्रेस से पूर्व केबिनेंट मंत्री मोहम्मद अकबर ,वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लालजी चंद्रवंशी ,पंडरिया पूर्व विधायक ममता चंद्राकर , पूर्व जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महेश चंद्रवंशी , वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अर्जुन तिवारी , युवा कांग्रेसी नेता रवि चंद्रवंशी , जिला कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष नीलू चंद्रवंशी के नामों की भी सुगबुगाहट दिख रही है । बीजेपी से डिप्टी सीएम विजय शर्मा , विधायक भावना बोहरा , जिला बीजेपी अध्यक्ष राजेंद्र चंद्रवंशी,जिला पंचायत अध्यक्ष ईश्वरी साहू , जिला पंचायत उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी , जिला पंचायत सभापति रामकुमार भट्ट , पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संतोष पटेल, विधायक प्रतिनिधि रामकिंकर वर्मा , जिला पंचायत सभापति दीपा धुर्वे , जिला युवा मोर्चा अध्यक्ष मनीराम साहू कवर्धा नगर पालिका अध्यक्ष चंद्र प्रकाश चंद्रवंशी के नामों की सुगबुगाहट दिख रही है । प्रधानमंत्री आवास की वृद्धि से जनता में खुशी है , छात्राओं के लिए कालेज के लिए बसों की सौगात देने से तारीफ होती हुई दिख रही है लेकिन युवाओं में नशा की प्रवृत्ति के बढ़ने से महिलाओं ओर अच्छे लोगो में निराशा दिख रही है। परिसीमन की स्थिति में बढ़ेगी ऐसी चर्चा है है इसलिए दो विधानसभा बढ़ने की स्थिति में दावेदारों की संख्या बढ़ती हुई दिख रही है फिलहाल यह चर्चाओं का दौर है । सवाल यह भी है की तीन साल बचे है चुनाव में लेकिन चर्चाओं का दौर अभी से क्यों !