पहाड़ और पगडंडियाँ में थमेंगी नशा : कबीरधाम के दलदली ग्राम में ‘नशा मुक्ति’ का शंखनाद, बैगा आदिवासी समुदाय एवं बच्चों ने ली सशक्त भविष्य की शपथ
पहाड़ और पगडंडियाँ में थमेंगी नशा : कबीरधाम के दलदली ग्राम में ‘नशा मुक्ति’ का शंखनाद, बैगा आदिवासी समुदाय एवं बच्चों ने ली सशक्त भविष्य की शपथ
कबीरधाम…।दुर्गम भौगोलिक चुनौतियों और दूरस्थता को दरकिनार करते हुए, कबीरधाम जिले के दलदली ग्राम में ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के तहत एक ऐतिहासिक पहल की गई। विशेष रूप से पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासी बहुल क्षेत्र के शासकीय उच्चतर एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय में आयोजित नशा मुक्ति शपथ ग्रहण ने संदेश दिया कि सशक्त समाज के निर्माण का संकल्प किसी भी दूरी या दुर्गमता से बड़ा है।
जागरूकता की लौ, दुर्गम क्षेत्र तक
दलदली क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए, समाज कल्याण विभाग और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर इस कार्यक्रम को जन-जागरण का महाअभियान बना दिया। इस विशेष प्रयास का मुख्य लक्ष्य यहाँ के युवाओं और विद्यार्थियों को नशे की भयावहता से बचाकर, उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ना था। कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीण, शिक्षक, और जनप्रतिनिधियों की बड़ी संख्या ने स्पष्ट कर दिया कि इस क्षेत्र में परिवर्तन की लहर उठ चुकी है।
अभियान के समर्पित वालेंटियर श्री चंद्रकांत यादव ने एक भावुक वातावरण में उपस्थित सभी लोगों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई। इस शपथ के माध्यम से सबने न केवल स्वयं नशे से दूर रहने, बल्कि अपने परिवार और समुदाय को भी इस अभिशाप से मुक्त करने का दृढ़ संकल्प लिया।
साझेदारी से मिली शक्ति
इस महत्वपूर्ण आयोजन में पुलिस प्रशासन और शिक्षा विभाग की साझेदारी उल्लेखनीय रही। उच्च अधिकारियों की उपस्थिति ने यह दर्शाया कि शासन-प्रशासन इस सामाजिक बुराई के खिलाफ एकजुट है:
श्री बोनीफास मिंज, सहायक उप निरीक्षक
श्री वसीम रजा कुरैशी, प्रधान आरक्षक
श्रीमती सुभद्रा मरकाम, महिला आरक्षक, थाना तरेगांव जंगल
प्राचार्य, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दलदली
प्रधान पाठक, शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय दलदली
अधीक्षक, शासकीय आदिवासी आश्रम शाला
इनके साथ ही, क्षेत्र के सरपंच, उपसरपंच, पंच और गणमान्य नागरिकों ने मंच साझा किया, जो जमीनी स्तर पर नेतृत्व और सहयोग की भावना को मजबूत करता है।
भविष्य का आह्वान
समाज कल्याण विभाग, जिला कबीरधाम के मार्गदर्शन में, जिलेभर में यह अभियान अब एक जन आंदोलन बन चुका है। दलदली का यह कार्यक्रम सिद्ध करता है कि दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों में भी जन-जागरूकता, परामर्श, और सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। यह शपथ केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि यह बैगा समुदाय के लिए स्वस्थ, शिक्षित और सशक्त भविष्य की नींव है।
जिला प्रशासन ने संकल्प लिया है कि ‘नशा मुक्त भारत’ के इस पवित्र उद्देश्य को जिले के हर कोने तक पहुँचाया जाएगा।